विश्व को आज भी याद करना चाहिए की ब्रिटेन जिसे कोरोना के अगले epic center के रूप में समझा जा रहा है उसे अब तो इस बात की भलीभांति अनुभूति हो गई होगी उसके कर्मों का पूरा हिसाब इतिहास और वक्त दोनों कर रहा है यह जो चित्र मैंने आपके साथ साझा किया है यह हमारे देश का उस समय का चित्र है जब द्वितीय विश्वयुद्ध के महानायक के रूप में जाने जाने वाले चर्चिल ने भारत को उसकी भूख और लोगों को उनकी बदहाली पर छोड़ते हुए राशन के जहाजों को यूरोप भेज दिया था और आज की विडंबना देखिए कि आंखों से ना देखे जाने वाले जीवाणु ने उसे घुटने के बल लाकर खड़ा कर दिया है |
वैश्विक लूट से जो साम्राज्य उन्होंने खड़ा किया उस लूट के साथ जो वेदना और विरह विश्व की अनेक अभागे राष्ट्रों ने भोगा यह उसका पुरस्कार है कि आप के पास श्रेष्ठतम लूटी हुई पूंजी की नीव पर खड़ी सुख-सुविधाओं के होने के बावजूद भी आप कुछ नहीं कर सकते हैं।
परंतु मेरे देश की धरती के संस्कार ऐसे नहीं हैं मैं तो बस यह याद दिलाना चाहता हूं कि रहम की उम्मीद आपने हमारी धरती से कर रखी है बिल्कुल वैसे ही उस वक्त में हम हिंदुस्तानियों ने आप से अपेक्षित किया था।
आपने तब हमारे भूखे नंगे हालातों पर यह कहकर मजाक उड़ाया था कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो।
और अब मैं बिल्कुल ऐसा ही आपके लिए चाहता हूं कि आपको आपके हाल पर छोड़ दे ताकि उस पीड़ा को आप भली-भांति समझ पाए जो आज से 77 वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने सही और ना केवल सही बल्कि उस भयंकर भुखमरी के दौर से हम आगे निकले और स्वयं को वैश्विक पटल पर स्थापित करने में सक्षम हुए मेरे राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक की आपके साथ केवल और केवल सहानुभूति है इससे अधिक अगर आप हमसे अब भी कुछ अपेक्षित कर रहे हैं या अपेक्षा टकटकी लगाए हुए इस राष्ट्र की और देख रहे हैं तो ये आख़ कहीं और घुमा लीजिए।
हालांकि 1943 के बाद जब आपने हम को स्वतंत्र करने का विचार जब 1947 में आपके दिमाग में आया तब हमारे ही राष्ट्र को आपने खून की नदियों से लबरेज कर दिया उसका हिसाब भी मैं चाहूंगा कि इस वैश्विक महामारी के दौर में आपसे ईश्वर चुका ले और अगर वह ना चुका पाया तो सुत समेत उसे चुकाने के लिए किसी और सदी में अपने राष्ट्र के नागरिकों को पूरी तरह से तैयार कर दें
क्योंकि आपके बर्ताव का हिसाब हम भारतीयों ने आपसे अभी तक नहीं लिया,
वसुदेव कुटुंबकम का भाव हर भारतीय के मन में प्रबल और सुदृढ़ हैं परंतु आप इस कुटुंब के लायक नहीं है।
अगर मृत्यु का तांडव आपके राष्ट्र में चहुं ओर इस महामारी से पसर गया हो या पसरने वाला हो तो इस राष्ट्र के नागरिकों की आप को पूरी सांत्वना है,
मेरे क्रांतिकारी पूर्वजों का और सभी शहीदों का आपको दूर से प्रणाम।
संदीप पाठक
अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय
5 comments
Click here for commentsNice explanation on the global community and the rest of the world
ReplyWell done💯👍. I appreciate all the hard work and energy you put into it...
ReplyAwesome blog 😊
ReplyJaise ko taisa !
Proud to be an Indian
ReplyYou are doing a great job..!!! Keep it up
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